सीता : मिथिला की योद्धा
सीता : मिथिला की योद्धा
लेखक_अमीश त्रिपाठी
मैं कुछ ही उन बुकस्टाग्रामर मैं से था, जिसने अभी तक अमीश की 'सीता: मिथिला की योद्धा' नहीं पढ़ी थी। मैंने सोचा श्रेणी खत्म हो जाने के बाद सारी किताब एक साथ पढ़ लूंगा लेकिन उतना सब्र हो ना सका ।
आइए जानते हैं क्या है 'सीता: मिथिला की योद्धा'
यह रामचंद्र संखला की दूसरी किताब है।
सीता जो आपको ले जाती है आरंभ से पहले। एक गिद्ध के संरक्षण में, भूमि पर एक अनाथ बच्ची मिलती है खूनी भेड़ियों से गिरी
हुई। उसे मिथिला के शक्ति हिना राजा गोद लेते हैं। कहानी अगले विष्णु कौन बनेगे उसके आसपास घूमती है महर्षि विश्वामित्र ने
सीता को चुना है वहीं महर्षि वशिष्ठ ने राम को।
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पुस्तक की शुरुआत में किसी का खून होता है तो पुस्तक के अंत में किसी ने धोखा दिया है। इससे अधिक पुस्तक में कोई ट्विस्ट एंड टर्न नहीं है फिर भी पुस्तक पढ़ने में मजा आता है क्योंकि हर एक घटना को बारिकता से विवरण किया गया है और बहुत अच्छी तरह से लिखा गया है।
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बीमार सुनैना के मुख से खून निकलता है उसे पता है उसकी मृत्यु नजदीक है। सुनैना आखिरी बार सीता के साथ सफारी पर निकलती है। सीता अपनी मां को गले लग कर रोती है भावुक संवाद चलता है। सामने वह लोग देखते हैं के एक हाथी के दल में प्रमुख मादा हाथी मर चुकी है और उसका छोटा बच्चा झिंगाट झिंगाट कर रो रहा है। प्रमुख मादा मर जाने के कारण दूसरी मादा हाथी अब प्रमुख बन चुकी है और दल की अगवाई करती है । कुछ देर बाद सभी हाथी मादा हाथी के मृत शरीर को छोड़ कर चले जाते हैं। सुनैना सीता से कहती है कि मेरे मर जाने के बाद तुम्हें रोना नहीं है ,तुम्हें भी इस तरह मुझे पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना होगा।
ऐसी कुछ घटना जो आप को रोने पर मजबूर कर देगी ,कुछ चेहरा खिला देगी और कुछ आपको प्रभावित कर देगी
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जो लोग टीवी की रामायण से बहुत प्रभावित है और उसके साथ भावनाओं से जुड़े हुए हैं, उन्हें यह किताब नहीं पढ़नी चाहिए क्योंकि बहुत सी चीज अलग दिखाई गई है जैसे कि इसमें लक्ष्मणरेखा नहीं है और सीता की सिर्फ एक ही बहन है। और राम पिनाक धनुष को नहीं तोड़ते।
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जलीकट्टू का वर्णन 'राम: इक्ष्वाकु के वंशज' मैं नहीं है परंतु इस किताब में है। जलीकट्टू मैं लक्ष्मण किष्किंधा के राजा की जान बचा लेता है परंतु यह घटना कहानी को आगे नहीं बढ़ाती शायद अगली किताब में यह घटना काम आए लेकिन इस किताब के लिए यह घटना बिन उपयोगी थी।
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कुल मिलाकर किताब अच्छी है। यहां उन किताबों में से हैं जो आपको माइथोलॉजी फिक्शन के प्यार में डाल दे।
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